हिंदी कविता में अरसे तक संदिग्ध और लांछित रहा प्रेम बाबुषा की कविताओं में एक उदात्त और विलक्षण अनुभव की तरह आता है- वह देह की मिट्टी में सना, आत्मा के जल से सिंचा, सभ्यता-यात्रा की आग में सिंका और संस्कृति के कई अवयवों को समेटता एक अलग संसार बनाता है, जिसमें एक आध्यात्मिक आभा भी दिखती है और एक दुनियावी रोशनी भी।

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उस लड़की का नाम ब्रह्मलता है
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हिंदी कविता में अरसे तक संदिग्ध और लांछित रहा प्रेम बाबुषा की कविताओं में एक उदात्त और विलक्षण अनुभव की तरह आता है- वह देह की मिट्टी में सना, आत्मा के जल से सिंचा, सभ्यता-यात्रा की आग में सिंका और संस्कृति के कई अवयवों को समेटता एक अलग संसार बनाता है, जिसमें एक आध्यात्मिक आभा भी दिखती है और एक दुनियावी रोशनी भी।
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Author | Baabusha Kohli / बाबुषा कोहली |
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Cover Type | Paperback |
ISBN | 978-81-952549-2-7 |
Language | Hindi |
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