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Product Description
बनारस. दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता. संसार की सबसे ज़िंदा और रौशन जगहों में-से एक. जिसके ज़र्रे-ज़र्रे में कोई न कोई बात है; जिसके बारीक तार अतीत से होकर भविष्य तक जाते हैं.
व्योमेश शुक्ल की यह किताब बनारस को उसके सबसे गाढ़े और मनोहर रंगों में पहचानती है. यों, इस किताब का वास्ता उस्ताद बिस्मिल्लाह ख़ाँ की शहनाई और पंडित किशन महाराज के तबले से बराबर पड़ता है. बनारस का गाना-बजाना, यहाँ के नायक, इस अनूठे शहर की आदतें और यहाँ की गंगा सब इस किताब में साथ-साथ, दोस्तों की तरह मौजूद हैं.
यह किताब अपने आत्मीय और सम्मोहक गद्य के साथ-साथ इस बात के लिये भी पढ़ी और साथ रखी जानी चाहिये कि यह सदियों के आर-पार फैली हुई उत्थान और पतन की नगर-गाथा को खिलाड़ियों और लोकगायकों के शिल्प में हमसे कहती है, लेकिन तासीर उसमें इतिहास की-सी है.
Author | व्योमेश शुक्ल |
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Cover Type | Paperback |
ISBN | 978-81-952549-3-4 |
Language | Hindi |
राजन कुमार (verified owner) –
बनारस को जानने के लिहाज से एक बाक़माल और संग्रहणीय दस्तावेज़.